Wednesday, January 21, 2009

बच्चों की बदमिजाजी

बच्चों की बदमिजाजी

बच्चे बदमिजाज होते हैं । यह बदमिजाजी सामान्य रुदन, जमीन पर लोटने से लेकर जोरों से चीखना, बातें मारना, ऊपर-नीचे कूदना-फाँदना और कभी कभी उत्तेजित व्यवहार तक रह सकती है । बच्चों के इस व्यवहार को अपनी स्वायतत्ता बताना या अभिभावकों से आजादी पाना - ऐसा समझा जा सकता है ।

बच्चों में बदमिजाजी कब होती है :-

  • जब बच्चे नीन्द न होने से या भूख से थक जाते हैं ।
  • अचानक नापसन्द बदलाव और वातावरण जैसे तलाक या मानसिक अनिश्चितता ।
  • बच्चे मौखिक अभिव्यक्ति नहीं कर सकते इसलिए अपनी संवेदनाएँ - बदमिजाजी से दर्शाते हैं ।
  • कई बार इस बदमिजाजी से घर के बड़ों का ध्यान आकर्षित न होता है ।
  • बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं वे कुछ आजाद रहना और अपना निर्णय खुद लेना चाहते हैं ।
  • कठिन कामों, जैसे स्कूल में अच्छे अंक न प्राप्त करने अथवा प्रतियोगिता में विफल होने पर, बच्चे निराश होकर बदमिजाजी करने लगते हैं ।
  • कभी उनकी मनचाही चीज जैसे - चॉकलेट, मिठाई न मिलने पर भी बच्चे बदमिजाजी करने लगते हैं ।

इससे कैसे निपटें :-

सबसे महत्वपूर्ण है, बच्चे को उसकी बदमिजाजी की सजा कभी न देवें । सजा के भय से बच्चा अपनी संवेदना प्रकट ही नहीं कर सकता और इसके दुष्पिरणाम हो सकते हैं ।

यदि आपका बच्चा बदमिजाजी कर रहा है तो आप इस पर ध्यान न दें क्योंकि वह आप द्वारा मना करने से विचलित है । आपके द्वारा ध्यान न देने पर बच्चा समझता है कि बदमिजाजी से कोई हल नहीं निकलेगा । कई बच्चे कुछ और करने लगते हैं, इसके परिणाम अच्छे होते हैं ।

आप निराश होने पर भी अपना नियंत्रण न खोयें । क्योंकि आप बच्चों के सताने का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं । कभी सजा न देवें और न ही आपा खोकर चीखें । याद रखें, यदि आप अपना नियंत्रण खोते हैं तो दूसरी ओर आपका बच्चा उसे झेल रहा है । और वह बदमिजाजी में भी इसी व्यवहार को सीख रहा है ।

बच्चे की बदमिजाजी रोकने के लिये कभी भी उसे फुसलायें नहीं । इससे उसमें बदमिजाजी बढेगी और वह समझेगा ऐसा करने से उसे कुछ न कुछ तो मिलेगा ।

बदमिजाजी से छुटकारा :

  • बच्चों को तनावपूर्ण स्थिति से दूर रखें और जहाँ ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है उससे भी दूर रखें ।
  • यदि आप बदमिजाजी की शुरुआत होती देखें तो बच्चे का ध्यान उसकी पसंद की ओर आकर्षित करें ।
  • बच्चों को बारबार नीन्द आने का ध्यान रखें और देखें कि बच्चों को कई अन्य स्वास्थ्य समस्या तो नहीं हैं ।
  • जब कभी बच्चे भूखे हों तो उन्हें तुरन्त पौष्टिक आहार मिलना चाहिये ।
  • बच्चों को उसकी साधारण पसंद का अवसर देवें । जैसे - नाश्ते में उसे सैण्डविच में अण्डा या सब्जी पसंद है या पहनने के लिये दो जोडी कपडे चाहिये जो कि आपको भी मान्य हो । इस प्रकार बच्चे भी स्वतंत्र महसूस करते हैं ।
  • अधिकांश बच्चों की बदमिजाजी 3-4 साल की उम्र तक कम हो जाती है । यदि आपको लगे कि बच्चे भी बदमिजाजी उसके कोई अन्य भावुकता का परिणाम है तो तुरंत किसी डॉक्टर से सलाह लें ।
  • बच्चे की बदमिजाजी का हल ढूंढने में याद रखें आप उसके गुस्से का हल निकालकर रहे हैं ना कि उसकी गलतियाँ निकाल रहे हैं ।

कुछ महत्वपूर्ण युक्तियाँ ये है -

  • न सजा दें, न ईनाम दें ।
  • शान्त रहें, जहां तक हो सके अवहेलना करें । प्रतिक्रिया करने से बच्चा समझेगा बदमिजाजी अच्छा हथियार है ।
  • बच्चे को सुरक्षित और हो सके तो अकेला रखें ।
  • बच्चों को आपके व्यवहार की निन्दा न करने दें । यह तो केवल आपका बच्चा ही इसका पात्र है ।

घर पर :-

  • जब बच्चा घर पर बदमिजाजी करे तो उसे शान्ति से उसके रूम में अथवा उसके बिस्तर पर अकेले छोड़ देवें ।
  • और फिर रूम बन्द कर उसे अकेले तब तक छोड़ देवें जब तक वह चीखना बन्द न कर दे ।
  • यदि बच्चे को अकेले छोड़ना असुरक्षित लगे, बच्चे की बदमिजाजी की पूरी अवहेलना कर देवें, उससे आँख तक न मिलाएँ ।
  • बच्चा शान्त होने पर उससे बात करें और उसके व्यवहार के बारे में उसे समझायें ।

सार्वजनिक जगहों पर :-

  • यदि बच्चा सार्वजनिक स्थल पर बदमिजाजी करे तो उसे किसी एकान्त जगह ले जायें ।
  • सबसे अच्छी जगह आपकी कार है । बच्चे को वहां ले जायें और बैठा दें । आप कार के बाहर खड़े रहें या कार ही में बैठ जायें, किन्तु बदमिजाजी के प्रति प्रतिक्रिया न करें । बदमिजाजी शान्त होने पर बच्चे से बात करें समझायें और अपनी सामान्य क्रिया में लौट आयें ।
  • यदि आप सार्वजनिक स्थल से हट नहीं सकते तो किसी भी तरीके से स्थिति को सम्भालें और बच्चे की बदमिजाजी की अवहेलना करें ।
  • लोगों की बातों निगाहों की ओर ध्यान न देवें ।
  • आप शान्त रहें ।
  • एक बार जगह से हटने पर बच्चे को उसके व्यवहार के बारे में समझायें ।

बच्चे को समझाना :-

  • बच्चा शान्त होने पर तुरंत उसे समझायें ।
  • बच्चे को पूरी घटना समझायें और बतायें की आपको गुस्सा क्यों आया, आपने पुकारा किया आदि । इस तरीके से बच्चा सारा घटनाक्रम समझेगा ।
  • बदमिजाजी की घटनाओं से बचने का प्रयास करें ।
  • बदमिजाजी सामान्य व्यवहार नहीं है, ऐसा बच्चे को समझायें । बच्चे को साफ समझायें कि अच्छे बच्चे ऐसी हरकत नहीं करते इसका बच्चे पर प्रभाव पड़ेगा और वह बदमिजाजी नहीं करेगा ।
  • बच्चे को बतायें कि बदमिजाजी के बदले वह अपनी भावना आपको कैसे प्रकट कर सकता है । ऐसा अपनी भावना प्रकट करने का सही तरीका समझाएँ ।
  • बच्चे को विश्वास दिलायें की उसे जब भी गुस्सा आये या निराश हो या कोई समस्या हो तो वह सीधे आपसे कह सकता है । आखिर आप उसकी मदद के लिये ही तो है ना ।
  • ऐसा करने से बच्चे जल्दी समझ जाते हैं । याद रखें बच्चे बड़ों से जल्दी समझते हैं ।
  • इस प्रकार का व्यवहार आपको बार-बार करना पड़ेगा । बच्चे की बदमिजाजी सुधारने में समय लगता है ।

कुछ महत्वपूर्ण वेबसाईट :-

  • www.kidshealth.org / parent / immotion / behaviour / tantrum.html
  • www.betterhealth.vip.gov.au / BHCV2 / bharticles.nsf / pages.tamper tantrums? open document
  • www.vaisngchildren.net.au / articles / temper tantrum.html

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